KAISE KAREN ISHWAR KI NAUKARI – HELP GOD TO HELP YOU TO ENJOY YOUR JOB
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Type
Book
Authors
Tejparkhi ( Sirshree )
ISBN 13
9789380582184
Category
Profound Parables
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Publication Year
2011
Pages
176
Description
"कर्तव्य की नई दास्तान !
क्या आप अपनी नौकरी से परेशान हैं? क्या आपका बॉस भी आपको बात-बात पर डॉंटता है? क्या आपके सहकर्मी आपके साथ सही से पेश नहीं आते? क्या काम होने के बावजूद भी आपका अपने काम में मन नहीं लगता? और जब आप घर में होते हैं तो क्या सारा समय काम की चिंता से परेशान रहते हैं? यदि इन सब प्रश्नों का जवाब ""हॉं' है तो इस पुस्तक द्वारा आपको अपनी इन सभी समस्याओं से समाधान मिल सकता है। कैसे? ईश्वर की नौकरी करके।
ईश्वर की नौकरी एक बहुत ही अलग और नया विषय होने के साथ-साथ हम सभी के लिए बहुत जरूरी भी है। तेजगुरु सरश्री शुरुआत से ही अपनी लेखनी के माध्यम से विविध प्रकार की व्यक्तिगत, सामाजिक, नैतिक, आध्यात्मिक और राष्ट्रीय इत्यादि समस्याओं का समाधान प्रस्तुत करते आए हैं। ""ईश्वर की नौकरी' पुस्तक में भी उन्होंने मनुष्य की आधुनिक समय की इस सबसे बड़ी समस्या का समाधान प्रस्तुत किया है। संपूर्ण पुस्तक एक काल्पनिक कथा का ताना-बाना लिए हुए है, जिसका केंद्रीय पात्र है- कर्मांत। दरअसल यह कर्मांत कोई और नहीं बल्कि आपका या मेरा ही एक अंश है, जो हमेशा काम के दौरान घटनेवाली छोटी-छोटी बातों को लेकर घबरा जाता है। और फिर उससे बचने के लिए या तो नौकरी बदलने का विचार करता है अथवा बेमन से उसी में लगा रहता है।
पुस्तक में रोचकता का तत्त्व शुरुआत से लेकर अंत तक बना रहता है। कथा भले ही काल्पनिक है लेकिन उसके पीछे निहित अपने उद्देश्य से लेखक कहीं एक पल के लिए भी विचलित नहीं होता। भाषा अत्यंत सरल और स्पष्ट है जिसमें संवादात्मक शैली उसे और भी रोचक बना देती है। पुस्तक का शीर्षक भी इस विषय के साथ पूरी तरह से न्याय करता प्रतीत होता है। तो यदि आप भी नौकरी में कुछ समस्याओं से ग्रस्त हैं तो इस पुस्तक के माध्यम से ईश्वर की नौकरी में लग जाइए। जिसे जॉइन करने के लिए आपको किसी प्रकार की अपॉईंटमेंट लैटर' की जरूरत भी नहीं पड़ेगी और न ही कोई आपको वहॉं से फायर कर पाएगा।"
क्या आप अपनी नौकरी से परेशान हैं? क्या आपका बॉस भी आपको बात-बात पर डॉंटता है? क्या आपके सहकर्मी आपके साथ सही से पेश नहीं आते? क्या काम होने के बावजूद भी आपका अपने काम में मन नहीं लगता? और जब आप घर में होते हैं तो क्या सारा समय काम की चिंता से परेशान रहते हैं? यदि इन सब प्रश्नों का जवाब ""हॉं' है तो इस पुस्तक द्वारा आपको अपनी इन सभी समस्याओं से समाधान मिल सकता है। कैसे? ईश्वर की नौकरी करके।
ईश्वर की नौकरी एक बहुत ही अलग और नया विषय होने के साथ-साथ हम सभी के लिए बहुत जरूरी भी है। तेजगुरु सरश्री शुरुआत से ही अपनी लेखनी के माध्यम से विविध प्रकार की व्यक्तिगत, सामाजिक, नैतिक, आध्यात्मिक और राष्ट्रीय इत्यादि समस्याओं का समाधान प्रस्तुत करते आए हैं। ""ईश्वर की नौकरी' पुस्तक में भी उन्होंने मनुष्य की आधुनिक समय की इस सबसे बड़ी समस्या का समाधान प्रस्तुत किया है। संपूर्ण पुस्तक एक काल्पनिक कथा का ताना-बाना लिए हुए है, जिसका केंद्रीय पात्र है- कर्मांत। दरअसल यह कर्मांत कोई और नहीं बल्कि आपका या मेरा ही एक अंश है, जो हमेशा काम के दौरान घटनेवाली छोटी-छोटी बातों को लेकर घबरा जाता है। और फिर उससे बचने के लिए या तो नौकरी बदलने का विचार करता है अथवा बेमन से उसी में लगा रहता है।
पुस्तक में रोचकता का तत्त्व शुरुआत से लेकर अंत तक बना रहता है। कथा भले ही काल्पनिक है लेकिन उसके पीछे निहित अपने उद्देश्य से लेखक कहीं एक पल के लिए भी विचलित नहीं होता। भाषा अत्यंत सरल और स्पष्ट है जिसमें संवादात्मक शैली उसे और भी रोचक बना देती है। पुस्तक का शीर्षक भी इस विषय के साथ पूरी तरह से न्याय करता प्रतीत होता है। तो यदि आप भी नौकरी में कुछ समस्याओं से ग्रस्त हैं तो इस पुस्तक के माध्यम से ईश्वर की नौकरी में लग जाइए। जिसे जॉइन करने के लिए आपको किसी प्रकार की अपॉईंटमेंट लैटर' की जरूरत भी नहीं पड़ेगी और न ही कोई आपको वहॉं से फायर कर पाएगा।"
Number of Copies
1
Library | Accession No | Call No | Copy No | Edition | Location | Availability |
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Main | 19 | 1 | Yes |