Nirnay Lene Ki Kala
Type
Audio/Visual
Authors
Tejparkhi ( Sirshree )
Category
Self Help Treasures
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Publisher
Tejgyan Global Foundation, India
Duration
1
Tags
Description
"निर्णय लेना, तथा निश्चित किए गए कार्य को पूरा करना रोज की जिम्मेदारियों में शामिल है। इसमें भी कई बार हम कदम-कदम पर लड़खड़ाते हैं। लोग अकसर अनसुलझी समस्याओं, दुविधाओं और कठिन परिस्थितियों सें जूझते रहते हैं। ऐसे में वे खुद को दोराहे पर पाते हैं, जिससे वे मानसिक पीड़ा से गुजरते हैं।
यह प्रवचन तीन हिस्सों में विभाजित किया गया है। इस प्रवचन के द्वारा आध्यात्मिक गुरु तेजगुरु सरश्री, इन असंभव से लगनेवाले कार्यों को सीधा तथा सरल बनाकर प्रस्तुत कर रहे हैं। हर भाग में, वचनबद्धता, सतत कार्य करने की क्षमता तथा निर्णय लेने की कला के विभिन्न पहलुओं के साथ-साथ हर क्षेत्र में सभी कार्यों से संबंधित हर समस्या का समाधान दिया जा रहा है। उदा. स्वरूप यदि आपको निर्णय लेने में कठिनाई आ रही है तो आप प्रवचन के पहले हिस्से के अंर्तगत बताए गए मार्गदर्शन से सहायता प्राप्त कर सकते हैं। प्रवचन के दूसरे हिस्से में उन लोगों के लिए मार्गदर्शन दिया जा रहा है जो लोग जिम्मेदारियों और बोझ में अंतर समझ नहीं पाते। इस भाग में बताया जा रहा है कि जिम्मेदारियों को कैसे देखा जाए तथा उनसे डरने की आवश्यकता नहीं है। साथ ही आप अपने कंधों पर और बड़ी-बड़ी जिम्मेदारियॉं कैसे ले सकते हैं। यदि आपको अपने कार्यों को करने में कठिनाई महसूस होती है तो आप प्रवचन के तीसरे हिस्से को सुनकर अपनी समस्या के लिए मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं। इस भाग के अंर्तगत जानेंगे कि आप अपने कार्य को पूर्णता देने के प्रति कितने वचनबद्ध हैं तथा आपका कार्य आसानी और सरलता से कैसे पूरा हो।"
यह प्रवचन तीन हिस्सों में विभाजित किया गया है। इस प्रवचन के द्वारा आध्यात्मिक गुरु तेजगुरु सरश्री, इन असंभव से लगनेवाले कार्यों को सीधा तथा सरल बनाकर प्रस्तुत कर रहे हैं। हर भाग में, वचनबद्धता, सतत कार्य करने की क्षमता तथा निर्णय लेने की कला के विभिन्न पहलुओं के साथ-साथ हर क्षेत्र में सभी कार्यों से संबंधित हर समस्या का समाधान दिया जा रहा है। उदा. स्वरूप यदि आपको निर्णय लेने में कठिनाई आ रही है तो आप प्रवचन के पहले हिस्से के अंर्तगत बताए गए मार्गदर्शन से सहायता प्राप्त कर सकते हैं। प्रवचन के दूसरे हिस्से में उन लोगों के लिए मार्गदर्शन दिया जा रहा है जो लोग जिम्मेदारियों और बोझ में अंतर समझ नहीं पाते। इस भाग में बताया जा रहा है कि जिम्मेदारियों को कैसे देखा जाए तथा उनसे डरने की आवश्यकता नहीं है। साथ ही आप अपने कंधों पर और बड़ी-बड़ी जिम्मेदारियॉं कैसे ले सकते हैं। यदि आपको अपने कार्यों को करने में कठिनाई महसूस होती है तो आप प्रवचन के तीसरे हिस्से को सुनकर अपनी समस्या के लिए मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं। इस भाग के अंर्तगत जानेंगे कि आप अपने कार्य को पूर्णता देने के प्रति कितने वचनबद्ध हैं तथा आपका कार्य आसानी और सरलता से कैसे पूरा हो।"
Number of Copies
1
Library | Accession No | Call No | Copy No | Edition | Location | Availability |
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Main | 24 | 1 | Yes |