Agyan Ka Gyan - Pahla Gyan - Gyan Ki Pahli CD
Type
Audio/Visual
Authors
Tejparkhi ( Sirshree )
Category
Spiritual Masterpieces
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Publisher
Tejgyan Global Foundation, India
Duration
1
Tags
Description
"वास्तव में अधिसंख्य लोग यह नहीं जानते हैं कि वे जीवन में कष्ट क्यों भोगते हैं और जीवन को बेहतर कैसे बनाया जाए? बड़ी विडंबना तो यह है कि हममें से कोई भी यह नहीं जानता है कि हम कितने अज्ञानी तथा जीवन के सत्य से अनभिज्ञ हैं? आध्यात्मिक गुरु सरश्री इस प्रवचन में मार्गदर्शन करते हैं कि अपने अज्ञान के बारे में जागरूकता ही ज्ञान की प्राप्ति का पहला अध्याय है।
यह सत्य है कि अधिकांशत: अज्ञान ही हमारे मन को संचालित करता है। इस लिहाज से यह महत्वपूर्ण प्रवचन हममें से अधिसंख्य के लिए मार्गदर्शक सिद्ध हो सकता है जोकि इस संसार में अज्ञान की पट्टी बांधे घूम रहे हैं।
इस प्रवचन में निम्न विषयों का समावेश है:
- इंसान का पहला जन्म अज्ञान से होता है।
- किसी कर्म का परिणाम उस कर्म के दौरान उत्पन्न हुई भावनाओं पर निर्भर करता है।
- अनुभूति, समझ और प्रेम किसी कर्म के मूल आवश्यक तत्व हैं। अज्ञान को समझने के लिए इंसान को इसके अर्थ से परिचित होना चाहिए।
- जब जीवन में भक्ति तथा समर्पण का उदय होता है, उसी क्षण अहंकार नष्ट हो जाता है। वास्तविक मुक्ति तथा जन्म एवं मृत्यु के चक्र से छुटकारा अहंकार की मृत्यु होने पर ही संभव है।"
यह सत्य है कि अधिकांशत: अज्ञान ही हमारे मन को संचालित करता है। इस लिहाज से यह महत्वपूर्ण प्रवचन हममें से अधिसंख्य के लिए मार्गदर्शक सिद्ध हो सकता है जोकि इस संसार में अज्ञान की पट्टी बांधे घूम रहे हैं।
इस प्रवचन में निम्न विषयों का समावेश है:
- इंसान का पहला जन्म अज्ञान से होता है।
- किसी कर्म का परिणाम उस कर्म के दौरान उत्पन्न हुई भावनाओं पर निर्भर करता है।
- अनुभूति, समझ और प्रेम किसी कर्म के मूल आवश्यक तत्व हैं। अज्ञान को समझने के लिए इंसान को इसके अर्थ से परिचित होना चाहिए।
- जब जीवन में भक्ति तथा समर्पण का उदय होता है, उसी क्षण अहंकार नष्ट हो जाता है। वास्तविक मुक्ति तथा जन्म एवं मृत्यु के चक्र से छुटकारा अहंकार की मृत्यु होने पर ही संभव है।"
Number of Copies
1
Library | Accession No | Call No | Copy No | Edition | Location | Availability |
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Main | 11 | 1 | Yes |